Posts

Showing posts from January, 2014

धुआं धुआं चहुँ ओर धुआं

/kqvka /kqvka pgqa vksj /kqvka vanj Hkh /kqvka ckgj Hkh /kqvka ftls rw ysrk 'kkSd le>dj nsrk rq>s dqN Hkh uk ;s /kqvka 'kq:vkr gksrh gS bldh [kqn dks enZ lkfcr djus esa ;k fQj pkj nksLrksa ds lkeus [kqn dks cM+k fn[kkus esa ysfdu vius eu ls iwNks ,d ckj rks t:j jksdrk gS rqEgsa ;s ysus ls /kqvka ysfdu ge Hkh dgka [kqn dh lqurs ge rks >wBh 'kku esa thrs D;k ge brus [kqnxtZ gSa fd [kqn ds fy;s Hkh ugha thrsA tku uk ysrk flQZ ;s gekjh blls rks gS lcdks uqdlku balk gks ;k i'kq i{kh i;kZoj.k gks ;k l`"Vh lkjh xj oDr jgrs uk tkxs rqe ckr esjh rqe j[k yks ;kn xj lkFk uk rqeus NksM+k bldk rqels tgka Nhusxk ;s /kqvkaA

नव वर्ष २०१४ का स्वागत

नव वर्ष २०१४ का स्वागत - कुछ लम्हे थे जिन्हें हम जीना चाहते थे आज उन लम्हों को फिर से जीने को जी चाहता है कुछ ख्वाब थे जिन्हें हम पूरा करना चाहते थे डरते थे  कि  क्या कभी पा पायेंगे इन्हें या नहीं आज फिर से उन ख़्वाबों के लिए मर मिटने को जी चाहता है कई एसी ख्वाहिशें थी जिन्हें अपने सीने में दबा के रखा था सोचते थे क्या कहेगी दुनियां इस ख्याल से भूल जाया करते थे आज फिर से एक कदम बढ़ने को जी चाहता है ये ज़िंदगी हमें कई बार इशारे करती है ये हम ही है जो इन्हें नज़रंदाज़ किया करते है आज इस ज़िंदगी को नए सिरे से देखने को जी चाहता है वही दिन है वही रात है, वही सुबह है वही शाम है कहने को कुछ भी नया नहीं है लेकिन ज़रा आँख खोलकर तो देखो, नव वर्ष हमारे द्वार पर दस्तक देने को खड़ा है तो आज हम प्रण ले कि भूलेंगे सारे ग़मो और शिकवों को अपनी नाकामी को, अपनी पछतावे को और कदम बढ़ायेंगे अपने अपने एक नया लक्ष्य पाने को क्यूंकि ज़िन्दगी का गुज़र बसर तो हर कोई कर लेता है पर आज इस ज़िन्दगी को फिर से जीने को जी चाहता है........ .